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रविवार, 10 अप्रैल 2011

धर्म-निरपेक्ष बनते जा रहे हैँ मुसलमान पढे-लिखों ने तोड़ डाली मजहब की दीवारें हिन्दुओं और गैरमुस्लिमों के साथ बेटी-व्यवहार शुरू

अब इस देश में मुसलमानअपनीे पुरातन-पंथी मान्यताओं को नकारने लगा है। मुसलमान लगातार अपने कथित कट्टरपन से कटते जा रहे हंै और सब धर्मों के प्रति सम्मान की भावना अब उनमें घर करने लगी है। वे भारत के धर्मनिरपेक्ष संविधान की मूल भावना को समझकर अपने आप को राष्ट्र की मुख्य धारा से जाडऩे लगे हैं। पढे-लिखे मुसलमान कट्टरवाद को त्याग कर इंसानियत के असली रिश्ते को महत्व देने लगे हैं। मुसलमान लड़कियां हिन्दू लड़कों से शादियां करके और खुद उनके मुस्लिम अभिभावक उन्हें हिन्दुओं के साथ रिश्तेदारी में बांधकर खुश हैं। कुछ कठमुल्ला इस प्रगतिशील कदम की बुराई करते नहीं थकते, परन्तु समझदार मुसलमान उनकी बातों को कोई तवज्जो नहीं देते। वे राष्ट्रीय एकता, भाईचारे और धर्मनिरपेक्षता को अधिक महत्व देते हैं। इस वर्ग में मुस्लिम जगत का उच्च शिक्षा प्राप्त वर्ग अब खुलकर सामने आ चुका है। फिल्मी कलाकारों के अलावा अब उच्च राजनेता, पत्रकार, समाजसेवी, उद्योगपति, खिलाड़ी, चिकित्सक और अन्य शिक्षित वर्ग भी इसे अपनाने में कोई संकोच नहीं कर रहा तथा दकियानूसी विचारधारा को वे पीछे धकेलकर देश की भावना के साथ बेहिचक आगे बढ रहे हैं। यहां एक मुस्लिम लेखक सालिक धामपुरी द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के उस हिस्से को प्रकाशित किया जा रहा है, जिसमें मुस्लिमों ने इस प्रकार के धर्मनिरपेक्ष विवाहों को बढावा दिया है तथा समाज को इसके लिए आगे आने का संदेश देकर एक प्रेरणा प्रदान की है। आज समूचे मुस्लिम समाज को उनसे सीख लेकर इस दिशा में आगे आने की जरूरत है। अक्सर एक मुस्लिम और गैर मुस्लिम के बीच शादी होने को सारे समाज द्वारा काफी गभीरता से तथा उसे समूचे धर्म के लिए खतरे के रूप में लिया जाता है, जबकि धर्म कभी इतनी संकीर्णता नहीं रखता और अगर उसमें इतनी संकीर्णता हो तो ऐसा धर्म तुरंत त्याग देने योग्य होता है। हमें प्रगतिशीलता और मानवीय एकता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। मजहबी लागों की संकीर्णताओं से हटकर अपनी सोच को परिपक्व बनाना चाहिए।
शेख अब्दुल्ला का परिवार- कश्मीर के शेर कहे जाने वाले शेख अब्दुल्लाह के पुत्र फारूक अब्दुल्ला ने अपनी बेटी सारा की शादी राजेश पायलेट के पुत्र सचिन पायलेट से की। इसी परिवार के कश्मीर के वर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी एक हिन्दू लड़की से शादी की।
उर्दू दैनिक के सम्पादक की बेटी की शादी- प्रसिद्ध उर्दू दैनिक राष्ट्रीय सहारा के सम्पादक अजीज बर्नी, जो मुसलमानों में इतने लोकप्रिय हैं कि दीनी मदारिस अपने यहां बुलाकर उनके भाषण कराते हैं, इन्होंने अपनी ण्क लड़की की शादी हिन्दू लड़के से की। यही नहीं इन्होंने दिल्ली बम ब्लास्ट से प्रभावित हिन्दुओं के दुख में ईदुल फितर के दिन रोजा रखा और इ्रद की नमाज गांधी जी की समाधि पर पढी, जो शरई दृष्टि से गैर इस्लामी है।
पत्रकार सिद्दीकी बने सत्यवादी- सहारनपुर के प्रसिद्ध पत्रकार खलीक सिद्दीकी, जो आजादी से पहले जमीअतुल उलमा के समाचारपत्र अल जमीअत के सम्पादक थे, ने हरियाणा की एक दलित औरत से शादी की फिर बाद में अपना धर्म बदल कर अपना नाम सत्यवादी रख लिया।
उपराष्ट्रपति ने की पत्नी की दाहक्रिया- पूर्व उपराष्ट्रपति जस्टिस हिदायतुल्ला ने एक हिन्दू औरत से शादी की, यही नहीं मरने के बाद उनकी वसीयत के अनुसार उन्हें दफनाने के बजाए चिता में जलाया गया।
मौलवी फारूकी के घर में लड़का हिन्दू बना -उर्दू पत्रिका खातूने मश्रिक के सम्पादक व मालिक मौलवी अब्दुल्लाह फारूकी के छोटे भाई मुकीमुद्दीन फारूकी ने, जो माकपा के नेता थे, ने एक हिन्दू औरत से शादी की थी। उनका लड़का हिन्दू है और दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है।
उर्दू पत्रिका के मालिक की पोती ने स्वीकारा हिन्दू पति-प्रसिद्ध उर्दू पत्रिका शमा के मालिक युसूफ देहलवी की पोती ने भी एक हिन्दू लड़के से शादी की।
इस्लामिक कल्चरल के अध्यक्ष के घर का हाल- इण्डिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी ने भी एक हिन्दू औरत से शादी की ओर उनकी लड़की नक एक सिख से शादी कर ली।
अन्य कुछ मुस्लिम नेताओं के परिवार- हुमायूं कबीर की लड़की लैला कबीर ने प्रमुख ईसाई नेता जार्ज फर्नाडीज से शादी की।
-प्रगतिशील आन्दोलन के नेता सज्जाद जहीर की बेटी नादिरा ने फिल्मी हिन्दू हिरो राज बब्बर से शादी की।
-अकबर अहमद डम्पी, मुख्तार अब्बास नकवीऔर भाजपा दौर में मंत्री रहे सैयद शाहनवाज हुसैन आदि ने भी हिन्दू औरतों सक शादियां की।
-दिल्ली के प्रसिद्ध नेता सिकन्दर बख्त ने एक हिन्दू औरत से शादी की तथा बाद में वे जनता राज में भाजपा में आ गए।
कुछ अन्य प्रमुख पत्रकारों की हकीकत - प्रसिद्ध अंग्रेजी पत्रकार मीरा मुस्तफा हिन्दू से शादी करने के बाद मुस्तफा से सिंह हो गई।
- बी.बी.सी. से जुड़ी डाक्टर फिरोज ने एक हिन्दू बेरिस्टर मुखर्जी से शादी की।
- दैनिक मश्रिकी आवाज के सम्पादक मुहम्मद जकी ने मंजु गुप्ता से शादी की।
- प्रसिद्ध टी.वी. चैनल आज तक के क्राइम रिपोर्टर शम्स ताहिर, जो जमाअत इस्लामी के सदस्य के बेटे भी हैं, ने भी एक हिन्दू लड़की से शादी की।
- प्रसिद्ध पत्रकार सलामत अली मेंहंदीकी लड़की ने एक हिन्दू दोस्त से शादी की।
मुस्लिम के घर में शुरू हुआ पूजा-पाठ- प्रसिद्ध पत्रकार शाहिद सिद्दीकी, जो नई दुनिया के सम्पादक व मालिक हैं, ने एक हिन्दू औरत से शादी की, जो उनके घर में पूजा-पाठ करती है।
पाकिस्तान के जन्मदाता जिन्ना का परिवार भी पीछे नहीं - पाकिस्तान के जन्मदाता मुहम्मद अली जिन्नाह ने गैर मुस्लिम औरत से शादी की थी तथा उनकी बेटी ने भ एक पारसी नौजवान से शादी की।
कुछ और प्रमुख लोगों की धर्मनिरपेक्षता- जंगे आजादी के हीरो बेरिस्टर आसिफ अली ने अरूणा जी से शादी की।
- प्रोफेसर खलीक अंजुम ने भी एक हिन्दू प्रोफेसर से शादी की।
- मीर मुश्ताक के मुंहबोले बेटे हरिनारायण की शादी एक मुसलमान औरत साबिरा अन्जुम से करवाई गई।
- नफीसा अली ने पोलो के प्रसिद्ध खिलाड़ी आर.एस.सोंधी से शादी की है।
- दरभंगा की एक मुस्लिम लेडी डाक्टर अफरोज ने बड़ी खामोशी से एक हिन्दू डाक्टर से शादी कर ली।
- राष्ट्रीय जनता दल के नेता पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने एक हिन्दू महिला से शादी की, जो लोकनायक जयप्रकाश नारायण के परिवार से थी।
शाबास भंवरी बानो
डीडवाना में भी टूटी मजहब की दीवारें
डीडवाना। नागौेर जिले की डीडवाना
तहसील के गांव छोटी बेरी के उम्मेद खां एजेण्ट की पुत्री भंवरी बानो ने एक गैर मुस्लिम सरकारी अधिकारी से शादी की है। एक छोटी सी जगह से भी यह जागृति की लहर पैदा हुई है, जो निश्चित रूप से समाज में बदलाव की पहचान बन चुकी है। अब समय आ चुका है कि जाति, वर्ग, धर्म और अन्य भेदभावों की दीवारों को ढहाकर सच्चा भारतीय और सच्चा इंसान बना जावे, संकीर्णताओं को अब त्यागना ही होगा। भंवरी बानो ने समाज के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है, जो इस समूचे क्षेत्र को गौरवान्वित करता है।

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