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बुधवार, 4 जनवरी 2012

वो मायड़ थारो पूत कठै, वो महाराणा प्रताप कठै

प्रकाश माली के भजनों से झूम उठे श्रोता बाबा लादूदास की 22वीं बरसी पर भव्य आयोजन लाडनूं।
लोकसंत बाबा लादूदास की 22वीं बरसी पर आयोजित भजन संध्या में प्रसिद्ध गायक कलाकार प्रकाश माली ने अपनी पूरी टीम के साथ संगीत की लहरियों में भक्ति धारा का प्रवाह किया कि हजारों श्रोता सर्द रात्रि के बावजूद सुबह 4 बजे तक जमे रहे। किसान महापंचायत राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष चुन्नाराम चौधरी ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि सामाजिक क्षेत्र में मैनें अनेक कार्य किए हैं परन्तु इस तपोभूमि में बाबा लादूदास सेवा समिति के पदाधिकारियों के आग्रह पर उन्होंने प्रकाश माली के भजनों को सुना और हजारों की संख्या में एकत्रित भक्तों की भावना को देखा तो वे इतने अधिक अभिभूत हुए हैं कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि इस एक रात में ही उनका जीवन धन्य हो गया। इस भजन संध्या में प्रकाश माली ने जब सदगुरू आया पावणा, म्हान सदगुरू मिलण रा कोड, अर्ज करूं गुरू थान आदि विभिन्न हृदयस्पर्शी और भक्ति भाव से ओतप्रोत भजनों की प्रस्तुतियां दी तो जहां श्रोता भाव-विभोर हुए वहीं सांगलिया पीठ से आए विभिन्न साधु संत भी अति प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। श्रोताओं की भारी मांग पर प्रकाश माली ने अपना सबसे लोकप्रिय गीत वो मायड़ थारौ पूत कठै, वो महाराणा प्रताप कठै सुनाया तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए और कई देशभक्ति की भावना में झूमने लगे। सांगलिया पीठ के पीठाधीश्वर संत बंशीदास महाराज के सान्निध्य में आयोजित इस भजन संध्या में उन्होंने स्वयं सांगलिया पंथ के भजनों की प्रस्तुतियां दी, वहीं उनके साथ समागत संत प्रेमदास महाराज, मेघदास महाराज, भोलादास महाराज आदि ने भी विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियां दी। भजन संध्या के दौरान माली समाज, विश्व हिन्दू परिषद व अन्य शहर भर के समाजसेवियों की ओर से स्वागत व अभिनंदन किया गया। संत लादूदास की बरसी के अवसर पर उनके समाधि स्थल पर यज्ञ का आयोजन सांगलिया पीठ के विधि-विधान के अनुसार किया गया। मंगलवार को बाबा लादूदास की बगीची में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। संत लादूदास सेवा समिति के अध्यक्ष संतोष प्रजापत, पन्नालाल टाक, सागरमल टाक, नानूराम हरिजन, नेमीचंद सांखला, मालचंद सांखला, ताराचंद सांखला, लक्ष्मीनारायण सांखला, तनसुखराम टाक, चम्पालाल मेघवाल, मोतीलाल सांखला, किशनलाल डूडी, संदीप गोयल, जगदीश सांखला, ओम भाटी, नरपतसिंह तूनवाल, वीरेन्द्र भाटी, निर्मल आर्य, बाबूलाल सांखला, राजेश सांखला, ओमप्रकाश टाक, बाबूलाल स्वामी आदि कार्यकत्र्ताओं ने अपना पूर्ण सहयोग प्रदान किया।

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