राजस्थान के लाडनूं शहर से प्रकाशित समाचार पत्र कलम कला की ओर से लाडनूं-न्यूज: कलम कला शीर्षक से क्षेत्रीय समाचारों और विचारों से समाहित इटरनेट पर यह प्रस्तुतिकरण दिया जा रहा है। आप कलम कला को पढकर, अपने दोस्तों को बताकर, अपनी टिप्पणियां दर्ज करवाकर, अपने समाचार आदि हमारे ई-मेल पर भेजकर और कलम कला समाचार पत्र मंगवाकर हमारे सहयोगी बन सकते हैं।- SUMITRA ARYA, EDITOR, LADNUN. Email- kalamkala@gmail.com
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शुक्रवार, 10 जून 2011
जिला शिक्षक संघ के बने लालाराम वरिष्ठ उपाध्यक्ष--- फिर बने अर्जुनराम अध्यक्ष व किस्तूरमल मंत्री
नागौर (कलम कला न्यूज)। राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिला स्तरीय चुनावों में संरक्षक सम्पतलाल स्वामी, सभाध्यक्ष मोहनलाल कड़वासरा जाणेदा, अध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड नागौर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष लालाराम बिडियासर मंगलपुरा लाडनूं, उपाध्यक्ष शहरी नैन मोहम्मद जाटावास, उपाध्यक्ष ग्रामीण विजय कुमार डूकिया पालोट डीडवाना, मंत्री किस्तूरमल वर्मा, महिला मंत्री श्रीमती कान्ता पाराशर जायल, कोषाध्यक्ष रामनिवास देडू फिड़ौद, संगठन मंत्री नरसिंह पिण्डेल फिड़ौद, संयुक्त मंत्री सोहनलाल कटारिया रेगरों की ढाणी, प्रचार मंत्री सुखराम चौधरी केरिया माकड़ा, कार्यालय मंत्री जमील अहमद अंसारी, संगठन मंत्री भीवाराम भाकर मोडियावट डीडवाना, संगठन मंत्री मुक्ताराम मामड़ोली, संगठन मंत्री शहरी रामकिशोर कमेडिय़ा भूरियासणी, संयोजक संघर्ष समिति बहादुरराम खिलेरी, सी.सै. प्रतिनिधि कैलाश चंद काकड़, सैकेंडरी प्रतिनिधि मेघाराम बुगालिया बांसा डीडवाना, उ.प्रा.वि. प्रतिनिधि भूराराम रायका चांदनी, प्रा.वि. प्रतिनिधि शहरी राजेन्द्रसिंह राठौड़, प्रा.वि.प्रतिनिधि ग्रामीण दुर्गाराम गोदारा बड़ी खाटू, संस्कृत प्रतिनिधि सहदेव मंडा ढींगसरी लाडनूं, उर्दू प्रतिनिधि हबीब खां धोलिया लाडनूं, निजी विद्यालय प्रतिनिधि हनुमानराम सारण खिंयाला, शारीरिक शिक्षक प्रतिनिधि ज्ञानाराम महला ध्यावा लाडनूं, प्रबोधक प्रतिनिधि अनवर अली, पंचायत राज प्रतिनिधि सोहनराम आंवला बोरावड़ को चयनित घोषित किया गया। चुनाव अधिकारी मजहर हुसैन व पर्यवेक्षक मो. सद्दीक चेनार की देखरेख में सम्पन्न हुए।
पार्षदों ने बताई पालिका में गड़बडिय़ां-- डीडीआर को सौंपा ज्ञापन
लाडनूं (कलम कला न्यूज)। अजमेर से निरीक्षण के लिए आए क्षेत्रीय उपनिदेशक राजपालसिंह चौहान ने स्थानीय पालिका में गड़बडिय़ों का भंडार पाया, उन्होंने करीब पांच दर्जन अनियमितताओं को जांच-बिन्दुओं के रूप में दर्ज किया तथा नगरपालिका से गृहकर, भवन-निर्माण, विकास व ठेकों से सम्बंधित पऋावलियों को अपने कब्जे में जांच के लिए लिया तथा उन्हें लेकर जयपुर गए। उन्हें इस अवसर पर अलग-अलग व्यक्तियों ने मिलकर अनेक ज्ञापन सौंपे और नगरपालिका से सम्बंधित अनियमितताओं के बारे में उन्हें अवगत कराया। डीडीआर को पत्रकार लक्ष्मणसिंह चारण व अरिहन्त भंसाली ने करीब एक साल से विज्ञापनों का बकाया भुगतान नहीं देने व विज्ञापन जारी करने में की जा रही धांधली किे बारे में बताया। पीसीसी के पूर्व सदस्य एडवोकेट जगदीश सिंह ने उन्हें अन्य विभिन्न अनियमितताओं व धांधलियों की जानकारी दी। सजग नागरिक मोर्चा के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार जगदीश यायावर ने उन्हें नगरपालिका के स्वामित्व की कब्जा हो चुकी करोड़ों की भूमि के बारे में बताया। सामाजिक कार्यकर्ता महेश सांखला ने नेहरू पार्क और जैन विश्व भारती के भूमि घोटाले के बारे में उन्हें विस्तार से सप्रमाण जानकारी दी। कांग्रेस अभाव अभियोग प्रकोष्ठके जिला उपाध्यक्ष मुश्ताक खां हाथीखानी आदि ने उन्हें काफी जानकारियां दी।
नगरपालिका के उपाध्यक्ष याकूब शेख के नेतृत्व में करीब एक दर्जन पार्षदों ने यहां स्थानीय निकाय के क्षेत्रीय उपनिदेशक राजपाल सिंह से मुलाकात करके उन्हें नगर पालिका में पार्षदों के सम्मान की बजाए अपमान होने की जानकारी दी तथा बताया कि उन्हें अपमानित करने के लिए मानदेय भुगतान को जानबूझकर रोका जा रहा है, उनके द्वारा लिए गए प्रस्तावों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती और मनमर्जी से काम किए जाते हैं। अनेक कार्यों के बारे में तो पार्षदों की राय ली जानी तक उचित नहीं समझी जाती। पार्षदों की ओर से एक लिखित ज्ञापन भी उन्हें सौंपा गया, जिस पर उपाध्यक्ष याकूब शेख, जीवन मल बडज़ात्या, जगदीश प्रसाद दोलावत, फैजूखां, हनुमानमल जोशी, अदरीश खां आदि ने हस्ताक्षर किए। ज्ञापन में युवक परिषद के पास से पहली पट्टी से पांचवीं पट्टी तक सड़क मरम्मत कार्य व स्टेशन रोड का युवक परिषद के एग्रीमेंट के बावजूद सड़क का पुनर्निर्माण, बड़ाबास में जसवंतगढ टंकी के पास नाला बनते-बनते ही टूट जाने, 30 लाख के रिकार्पेट व पेच वर्क का ठेका दिए जाने में की गई धांधली, समितियों के गठन से लेकर अब तक की जा रही मनमर्जी, शहर की बिगड़ी हुई सफाई व्यवस्था और सार्वजनिक रोशनी व्यवस्था की बिगड़ी हालत की ओर मुख्य रूप से ध्यान आकर्षित किया गया है। उपाध्यक्ष शेख के साथ माणक चंद लोहिया, सलीम पंवार आदि भी मौजूद थे। भाजपा के शहर अध्यक्ष व पूर्व पार्षद मुरलीधर सोनी भी पार्षदों के साथ मौजूद थे।
नगरपालिका के उपाध्यक्ष याकूब शेख के नेतृत्व में करीब एक दर्जन पार्षदों ने यहां स्थानीय निकाय के क्षेत्रीय उपनिदेशक राजपाल सिंह से मुलाकात करके उन्हें नगर पालिका में पार्षदों के सम्मान की बजाए अपमान होने की जानकारी दी तथा बताया कि उन्हें अपमानित करने के लिए मानदेय भुगतान को जानबूझकर रोका जा रहा है, उनके द्वारा लिए गए प्रस्तावों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती और मनमर्जी से काम किए जाते हैं। अनेक कार्यों के बारे में तो पार्षदों की राय ली जानी तक उचित नहीं समझी जाती। पार्षदों की ओर से एक लिखित ज्ञापन भी उन्हें सौंपा गया, जिस पर उपाध्यक्ष याकूब शेख, जीवन मल बडज़ात्या, जगदीश प्रसाद दोलावत, फैजूखां, हनुमानमल जोशी, अदरीश खां आदि ने हस्ताक्षर किए। ज्ञापन में युवक परिषद के पास से पहली पट्टी से पांचवीं पट्टी तक सड़क मरम्मत कार्य व स्टेशन रोड का युवक परिषद के एग्रीमेंट के बावजूद सड़क का पुनर्निर्माण, बड़ाबास में जसवंतगढ टंकी के पास नाला बनते-बनते ही टूट जाने, 30 लाख के रिकार्पेट व पेच वर्क का ठेका दिए जाने में की गई धांधली, समितियों के गठन से लेकर अब तक की जा रही मनमर्जी, शहर की बिगड़ी हुई सफाई व्यवस्था और सार्वजनिक रोशनी व्यवस्था की बिगड़ी हालत की ओर मुख्य रूप से ध्यान आकर्षित किया गया है। उपाध्यक्ष शेख के साथ माणक चंद लोहिया, सलीम पंवार आदि भी मौजूद थे। भाजपा के शहर अध्यक्ष व पूर्व पार्षद मुरलीधर सोनी भी पार्षदों के साथ मौजूद थे।
पार्षदों के अधिकारों पर प्रहार: सदस्यों को विश्वास में लिए बिना लाखों का मनमाना खर्च
लाडनूं (कलम कला न्यूज)। नगरपालिका के सामने से होते हुए स्टेशन तक जाने वाली सीमेंट सड़क का निर्माण युवक परिषद द्वारा किया गया था, जो काफी मजबूत था, पर उसे तोड़कर दुबारा बनाए जाने की शिकायत हो जाने पर जगह-जगह से छोड़ कर उसको इस तरह से बनाया गया है कि देखने में वह मरम्मत कार्य लगे। यह कहना है मुस्लिम महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस अभाव अभियोग प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष मो. मुश्ताक खां हाथीखानी का, जिन्होंनेे जिला कलेक्टर सहित सभी अधिकारियों को पत्र लिखकर बताया है कि लाडनूं नगर पालिका को करीब 16 लाख की राशि वर्षा से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए प्राप्त हुए, जिनका खुला दुरूपयोग किया जा रहा है। हाथीखानी ने अपने पत्र में कार्यवाही की मांग करते हुए बताया है कि 16 लाख से अधिक की इस राशि को खर्च करने के लिए नगरपालिका के 30 पार्षदों में से किसी की भी राय नहीं ली गई और पार्षदों व जन-भावना की खुली अनदेखी की जाकर शहर की सभी क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करवाने के बजाए सबसे मजबूत सड़क स्टेशन रोड को तुड़वाया जाकर वापस बनवाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने लिखा है कि यह सड़क नगर की एक संस्था युवक परिषद द्वारा नगरपालिका से 10 वर्षों तक पूर्ण रखरखाव व मरम्मत की शर्तों पर निर्मित करवाई गई थी, जिसकी मियाद अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई है। इसके बावजूद उसकी मरम्मत के सम्बंध में जिम्मेदार संस्था को लिखित सूचना दिए जाने के बजाये नगर के लिए प्राप्त राशि का खुला दुरूपयोग किया गया है, जिससें सभी पार्षदों में रोष है तथा समाचार पत्रों में भी इस सम्बंध में प्रकाशन हुआ है। लगभग सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर पल्ला झाडऩे का आरोप लगाते हुए लिखा है कि वे एक दूसरे को जिम्मेदार बताने पर तुले हुए हैं। सहायक अभियंता मंगलाराम कहते हैं कि उन्होंने पालिकाध्यक्ष बच्छराज नाहटा व अधिशाषी अधिकारी जस्साराम गोदारा के कहने पर यह कार्य शुरू किया है। अधिशाषी अधिकारी जस्साराम गोदारा का कहना है कि उनको इस मरम्मत या निर्माण कार्य के आदेश के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस प्रकार सब अपनी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं। ऐसा लगता है कि इसमें भारी घोटाला किया गया है, जिसके कारण ये अधिकारी इस तरह के बयान देने में लगे हैं। मुश्ताकखां के अनुसार यह निश्चित है कि कार्यादेश के बिना कोई भी कार्य ठेकेदार करता नहीं और अभियंता करवाता नहीं, तब इस मामले में किसने कार्यादेश (वर्क ऑर्डर) दिया? क्या इसे किसी इशारे पर बिना वर्क-ऑर्डर ही शुरू कर दिया गया। अगर ऐसा किए जाने के कारण ही ये सभी इस प्रकार बयान देकर अपने बचाव की कोशिश कर रहे हैं तो यह काफी गंभीर मामला है तथा इसकी व्यापक व निष्पक्ष जांच की जाना आवश्यक बताई, साथ ही इस बात की पूरी संभावना बताई कि मिलीभगत पूर्वक गुपचुप में ही इसका भगुतान भी किया जाएगा, अत: तुरन्त इस कार्य का भुगतान रूकवाकर किसी लाडनूं से बाहर के उच्च अधिकारी से मामले की जांच करवाने की मांग की गई है।
अवैध निर्माण और मिलीभगत
मुश्ताक हाथीखानी ने अजमेर से यहां पालिका का निरीक्षण करने आए स्थानीय निकाय विभाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक राजपाल सिंह चौहान को भी एक ज्ञापन सौंप कर आधी पीडब्लूडी की रोड का मरम्मत के नाम पर घोटाला किए जाने और युवक परिषद के बजाए स्वयं निर्मित करवाए जाने के बारे में समस्त जानकारी दी तथा यह भी बताया कि लाडनूं शहर में बड़ी तादाद में अवैध निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहे हैं। मिलीभगत का आलम यह है कि गत 29 अप्रेल की बैठक में रखी गई निर्माण पत्रावलियों में से अधिकांश में निर्माण किया जा चुका, जिससे उन पर पार्षदों ने आपति जताते हुए पूरी रिपोर्ट लेकर आगामी बैठक में रखे जाने का प्रस्ताव लिया गया, इसके बावजूद अधिकारीगण इन पत्रावलियों पर जुर्माना वसूली के बजाए इजाजतें देने पर आमादा हैं। डीडीआर ने उनकी शिकायत पर मौका देखा और सम्बंधित पत्रावलियों को जांच के लिए वे अपने साथ ले गए।
अवैध निर्माण और मिलीभगत
मुश्ताक हाथीखानी ने अजमेर से यहां पालिका का निरीक्षण करने आए स्थानीय निकाय विभाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक राजपाल सिंह चौहान को भी एक ज्ञापन सौंप कर आधी पीडब्लूडी की रोड का मरम्मत के नाम पर घोटाला किए जाने और युवक परिषद के बजाए स्वयं निर्मित करवाए जाने के बारे में समस्त जानकारी दी तथा यह भी बताया कि लाडनूं शहर में बड़ी तादाद में अवैध निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहे हैं। मिलीभगत का आलम यह है कि गत 29 अप्रेल की बैठक में रखी गई निर्माण पत्रावलियों में से अधिकांश में निर्माण किया जा चुका, जिससे उन पर पार्षदों ने आपति जताते हुए पूरी रिपोर्ट लेकर आगामी बैठक में रखे जाने का प्रस्ताव लिया गया, इसके बावजूद अधिकारीगण इन पत्रावलियों पर जुर्माना वसूली के बजाए इजाजतें देने पर आमादा हैं। डीडीआर ने उनकी शिकायत पर मौका देखा और सम्बंधित पत्रावलियों को जांच के लिए वे अपने साथ ले गए।
लाडनूं के साथ भारी भेदभाव---सांसद मिर्धा से जिले के कांग्रेसी असंतुष्ट
लाडनूं (कलम कला न्यूज)। नागौर क्षेत्र से विजयी रही सांसद ज्योति मिर्धा ने जिले के विकास के लिए मिलने वाली सांसद निधि का उपयोग शही क्षेत्रों के लिए तो बिलकुल ही नहीं किया है, वहीं लाडनूं विधान सभा क्षेत्र में तो उन्होंने कोई धन खर्च करना संभवत: उचित ही नहीं समझा।
जिला परिषद के ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ के सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत ज्योति मिर्धा ने 2010-11 में डीडवाना पंचायत समिति के अधीन सबसे ज्यादा काम दिए, जहां कुल 63.77 लाख के कार्य दिए गए। मकराना व नागौर में मिलाकर कुल 90 लाख, जायल में 47 लाख व परबतसर में 39 लाख के काम दिए गए। शेष क्षेत्रों के लिए नगण्य काम मंजूर हुए, जिनमें लाडनूं को सबसे उपेक्षित रखा गया। लाडनूं के दो गांवों में सिर्फ एक लाख की राशि कोठे बनाने के लिए दी गई। इनमें मालगांव में रताऊ के रास्ते पर कोठा बनाने व ग्राम झरडिय़ा में टोकी रास्ते पर बिडियासरों की ढाणी में एक कोठा बनाने के कार्य के लिए मात्र 50-50 हजार की राशि इनायत की गई। लाडनूं नगरपालिका क्षेत्र में तो एक पैसा तक खर्च किया जाना उचित नहीं समझा गया। इसी प्रकार कुचामन, नावां, मकराना आदि शहरों की भी उपेक्षा की गई है। कांग्रेस अभाव अभियोग प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष मो. मुश्ताक खां हाथीखानी ने बताया कि सांसद ज्योति मिर्धा की कार्यशैली के कारण पूरे जिले में मतदाताओं में गहरी नाराजगी पैदा हुई है तथा कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव बरतने की उनकी नीति के कारण आगामी लोकसभा व विधान सभा चुनावों में इसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ सकता है। उन्होंने लाडनूं के साथ पक्षपातपूर्ण रवैये की भत्र्सना करते हुए कहा कि विकास में राजनीति को घुसेडऩा सरासर अनुचित है।
जिला परिषद के ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ के सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत ज्योति मिर्धा ने 2010-11 में डीडवाना पंचायत समिति के अधीन सबसे ज्यादा काम दिए, जहां कुल 63.77 लाख के कार्य दिए गए। मकराना व नागौर में मिलाकर कुल 90 लाख, जायल में 47 लाख व परबतसर में 39 लाख के काम दिए गए। शेष क्षेत्रों के लिए नगण्य काम मंजूर हुए, जिनमें लाडनूं को सबसे उपेक्षित रखा गया। लाडनूं के दो गांवों में सिर्फ एक लाख की राशि कोठे बनाने के लिए दी गई। इनमें मालगांव में रताऊ के रास्ते पर कोठा बनाने व ग्राम झरडिय़ा में टोकी रास्ते पर बिडियासरों की ढाणी में एक कोठा बनाने के कार्य के लिए मात्र 50-50 हजार की राशि इनायत की गई। लाडनूं नगरपालिका क्षेत्र में तो एक पैसा तक खर्च किया जाना उचित नहीं समझा गया। इसी प्रकार कुचामन, नावां, मकराना आदि शहरों की भी उपेक्षा की गई है। कांग्रेस अभाव अभियोग प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष मो. मुश्ताक खां हाथीखानी ने बताया कि सांसद ज्योति मिर्धा की कार्यशैली के कारण पूरे जिले में मतदाताओं में गहरी नाराजगी पैदा हुई है तथा कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव बरतने की उनकी नीति के कारण आगामी लोकसभा व विधान सभा चुनावों में इसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ सकता है। उन्होंने लाडनूं के साथ पक्षपातपूर्ण रवैये की भत्र्सना करते हुए कहा कि विकास में राजनीति को घुसेडऩा सरासर अनुचित है।
सैंकड़ों बीघा जमीन खुर्दबुर्दनगरपालिका की सवा सौ बीघा भूमि पर अवैध निर्माण: रूपान्तरण, नियमन व निर्माण इजाजत के करोड़ों हड़पे: सारे अधिकारी कर रहे हैं लीपापोती:आखिर जांच और तथ्य सामने आने के बावजूद प्रशासन निष्क्रिय क्यों?
लाडनूं (खुफिया कलम)। लाडनूं शहर बुरी तरह भू माफियाओं के चंगुल में फंस चुका है। कीमती जमीनों को हथियाने के लिए तरह-तरह की चालों को अख्तियार करना और गिरोहबद्ध होकर अपनी कार्रगुजारियों को अंजाम देना, ये भू माफिया भलीभंति जानते हैं। मजे की बात तो यह है कि क्षेत्र का समूचा प्रशासन भी इनके कारनामों में कहीं न कहीं भागीदार अवश्य हैं। तालाबों, पायतनों, चारागाहों और सरकारी गैरमुमकिन अगोर की भूमियों पर अंधाधुंध कब्जे हो रहे हैं, मगर कोई भी बोलने और सुनने वाला नहीं है। और तो और जब यह जानकारी सामने आई कि सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह आदि बातों का ढोल पीटने वाले भी इन गलत कुकर्मों से वंचित नहीं है, तो लोगों को घोर आश्चर्य होना स्वाभाविक है।
राहुल जैन नामक एक किसी नागरिक ने इस सम्बंध में आवाज उठाई, जिससे राज्यपाल से लेकर जिला प्रशासन तक सक्रिय हुए और कार्रवाई शुरू हुई, परन्तु यह अति दु:खद पहलु है कि स्थानीय प्रशासन पूरी तरह इस मामले में लीपापोती करने में जुटा है।
महेश सांखला नामक एक समाजसेवी व्यक्ति ने जब मुखर होकर इस सम्बंध में सूचना के अधिकार का सहारा लिया तो उसे पूरी तरह भ्रमित करने वाली और गलत जानकारियां दी गई और कुछ मामलों में तो कोई जानकारी देने से इंकार तक अवैधानिक तौर पर कर दिया गया।
राज्यपाल सचिवालय से शुरू हुई कार्रवाई
जिला कलेक्टर नागौर ने उपखंड अधिकारी लाडनूं को एक पत्र सं. 2412 दिनांक 16.9.2008 भेजकर लिखा जैन विश्व भारती एवं जैन विश्व भारती मान्य विश्व विद्यालय द्वारा मनचाहे ढंग से की जा रही नियम विरूद्ध गतिविधियों पर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी। इस पत्र में बताया गया कि राज्यपाल सचिवालय से प्राप्त शिकायत के आधार पर एक टीम गठित कर वस्तुस्थिति की जांच बिन्दुवार कर स्वयं के निरीक्षण में तैयार करवाकर शिकायत के बिन्दुवार रिपोर्ट एक सप्ताह में भिजवायी जावे। यह आदेश कलेक्टर ने शासन उप सचिव जन अभाव अभियोग निराकरण विभाग के पत्र क्र. प. 2(25) आरपीजी/पब /बी /2008 दिनांक 15.9.2008 एवं दूरभाष के निर्देशों के आधार पर दिए।
13 खसरों की सवा सौ बीघा जमीन नगरपालिका की
इसके जवाब में तत्कालीन उपखंड अधिकारी अजीत सिंह राजावत ने अपने पत्र सं. सीएम/रीडर/08/42 दिनांक 03.10.2008 में बताया है कि जैन विश्व भारती के भीतर खसरा नं. 497 रकबा 19 बीघा 05 बिस्वा, ख.नं. 507 रकबा 5 बीघा 6 बिस्वा, ख.नं. 510 रकबा 6 बीघा 09 बिस्वा, ख.नं. 511 रकबा 6 बीघा 14 बिस्वा, ख.नं. 512 रकबा 3 बीघा 01 बिस्वा, ख.नं. 513 रकबा 14 बिस्वा, ख.नं. 514 रकबा 13 बीघा 04 बिस्वा, ख.नं. 515 रकबा 5 बीघा 19 बिस्वा, ख.नं. 516 रकबा 9 बीघा 9 बिस्वा, ख.नं. 517 रकबा 19 बीघा 06 बिस्वा, ख.नं. 509 रकबा 8 बीघा 12 बिस्वा, ख.नं. 495/2247 रकबा 13 बीघा 13 बिस्वा- इन सभी कुल 12 खसराओं की करब सवा सौ बीघा भूमि राजस्व रेकर्ड के मुताबिक नगरपालिका लाडनूं के नाम से नामांकन सं. 2220 दिनांक 30.07.2001 द्वारा अंकित है। इसके अलावा खसरा नं. 504 रकबा 13 बीघा 10 बिस्वा की आधी भूमि नगरपालिका और आधी भूमि जैन विश्व भारती के नाम से दर्ज है और जैन विश्व भारती मान्य विश्व विद्यालय के नाम से मात्र खसरा नं. 508 रकबा 13 बिस्वा भूमि ही दर्ज है।
अनेक अन्य खातेदारों की भूमि पर भी कब्जा
इन संस्थाओं ने कुछ अन्य खातेदारों की भूमि खसरा नं. 496, 506, 507, व 508 पर भी अवैध कब्जा कर रखा है। अलग-अलग खसराओं पर निर्मित किए गए भवनों का वर्णन भी इस रिपोर्ट में दिया गया है। इस भूमि के नगरपालिका लाडनूं में निहित होने, संस्थान द्वारा भूमि का रूपांतरण नहीं कराए जाने, निर्माण कार्यों के लिए स्थानीय निकाय से कोई स्वीकृति नहीं ली जाने की जानकारी देते हुए इसके लिए स्थानीय नगरपालिका को कार्यवाही के लिए उत्तरदायी ठहराया था।
राहुल जैन नामक एक किसी नागरिक ने इस सम्बंध में आवाज उठाई, जिससे राज्यपाल से लेकर जिला प्रशासन तक सक्रिय हुए और कार्रवाई शुरू हुई, परन्तु यह अति दु:खद पहलु है कि स्थानीय प्रशासन पूरी तरह इस मामले में लीपापोती करने में जुटा है।
महेश सांखला नामक एक समाजसेवी व्यक्ति ने जब मुखर होकर इस सम्बंध में सूचना के अधिकार का सहारा लिया तो उसे पूरी तरह भ्रमित करने वाली और गलत जानकारियां दी गई और कुछ मामलों में तो कोई जानकारी देने से इंकार तक अवैधानिक तौर पर कर दिया गया।
राज्यपाल सचिवालय से शुरू हुई कार्रवाई
जिला कलेक्टर नागौर ने उपखंड अधिकारी लाडनूं को एक पत्र सं. 2412 दिनांक 16.9.2008 भेजकर लिखा जैन विश्व भारती एवं जैन विश्व भारती मान्य विश्व विद्यालय द्वारा मनचाहे ढंग से की जा रही नियम विरूद्ध गतिविधियों पर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी। इस पत्र में बताया गया कि राज्यपाल सचिवालय से प्राप्त शिकायत के आधार पर एक टीम गठित कर वस्तुस्थिति की जांच बिन्दुवार कर स्वयं के निरीक्षण में तैयार करवाकर शिकायत के बिन्दुवार रिपोर्ट एक सप्ताह में भिजवायी जावे। यह आदेश कलेक्टर ने शासन उप सचिव जन अभाव अभियोग निराकरण विभाग के पत्र क्र. प. 2(25) आरपीजी/पब /बी /2008 दिनांक 15.9.2008 एवं दूरभाष के निर्देशों के आधार पर दिए।
13 खसरों की सवा सौ बीघा जमीन नगरपालिका की
इसके जवाब में तत्कालीन उपखंड अधिकारी अजीत सिंह राजावत ने अपने पत्र सं. सीएम/रीडर/08/42 दिनांक 03.10.2008 में बताया है कि जैन विश्व भारती के भीतर खसरा नं. 497 रकबा 19 बीघा 05 बिस्वा, ख.नं. 507 रकबा 5 बीघा 6 बिस्वा, ख.नं. 510 रकबा 6 बीघा 09 बिस्वा, ख.नं. 511 रकबा 6 बीघा 14 बिस्वा, ख.नं. 512 रकबा 3 बीघा 01 बिस्वा, ख.नं. 513 रकबा 14 बिस्वा, ख.नं. 514 रकबा 13 बीघा 04 बिस्वा, ख.नं. 515 रकबा 5 बीघा 19 बिस्वा, ख.नं. 516 रकबा 9 बीघा 9 बिस्वा, ख.नं. 517 रकबा 19 बीघा 06 बिस्वा, ख.नं. 509 रकबा 8 बीघा 12 बिस्वा, ख.नं. 495/2247 रकबा 13 बीघा 13 बिस्वा- इन सभी कुल 12 खसराओं की करब सवा सौ बीघा भूमि राजस्व रेकर्ड के मुताबिक नगरपालिका लाडनूं के नाम से नामांकन सं. 2220 दिनांक 30.07.2001 द्वारा अंकित है। इसके अलावा खसरा नं. 504 रकबा 13 बीघा 10 बिस्वा की आधी भूमि नगरपालिका और आधी भूमि जैन विश्व भारती के नाम से दर्ज है और जैन विश्व भारती मान्य विश्व विद्यालय के नाम से मात्र खसरा नं. 508 रकबा 13 बिस्वा भूमि ही दर्ज है।
अनेक अन्य खातेदारों की भूमि पर भी कब्जा
इन संस्थाओं ने कुछ अन्य खातेदारों की भूमि खसरा नं. 496, 506, 507, व 508 पर भी अवैध कब्जा कर रखा है। अलग-अलग खसराओं पर निर्मित किए गए भवनों का वर्णन भी इस रिपोर्ट में दिया गया है। इस भूमि के नगरपालिका लाडनूं में निहित होने, संस्थान द्वारा भूमि का रूपांतरण नहीं कराए जाने, निर्माण कार्यों के लिए स्थानीय निकाय से कोई स्वीकृति नहीं ली जाने की जानकारी देते हुए इसके लिए स्थानीय नगरपालिका को कार्यवाही के लिए उत्तरदायी ठहराया था।
नेहरू पार्क को अतिक्रमण से मुक्त करवाने की मांग
लाडनूं (कलम कला न्यूज)। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता महेशप्रकाश सांखला ने तहसीलदार सत्यनारायण शर्मा व अधिशाषी अधिकारी जस्साराम गोदारा को पत्र लिखकर जिला कलेक्टर के आदेशों की पालना करने तथा अपनी कार्यवाही पूर्ण कर शीघ्र रिपोर्ट भिजवाने बाबत मांग की है। सांखला ने अपने पत्र में लिखा है कि राजकीय भूमि व सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण कर अनधिकृत रूप से निर्मित धार्मिक पूजास्थलों के सम्बंध में राज्य सरकार द्वारा जारी नीति के अनुसार तुरन्त कार्यवाही की जावे। इस सम्बंध में बताया गया है कि राजस्थान उच्च न्यायालय की एसबी सिविल रिट पिटीशन सं. 2145/2010 एवं उच्चतम न्यायालय की विशेष अनुमति अपील (दीवानी) सं. 8519/2006 में अन्तरिम आदेश दिनांक 29-09-09 की पालना में उन्हें निर्देशित किया गया है, इसके बावजूद प्रकरण में कार्यवाही लम्बित रखी जा रही है। सांखला ने जिला कलेक्टर के पत्र क्रमांक- एफ.12()राजस्व/2010/3880-3888 दिनांक- 19-05-11, क्र. 11878-11897 दिनांक-01-12- 2010, क्र. 13754-13773 दिनांक- 30-12-2010, क्र. 2338-2357 दिनांक- 29-03-2011 एवं क्र. न्याय/2010/9616-46 दिनांक- 10-11-2010 व क्र. 09/6864 दिनांक-28-10-09 का अपने पत्र में हवाला दिया है, जिनकी स्थानीय अधिकारियों द्वारा कोई पालना नहीं की जा रही है।
सांखला ने मांग की है कि नेहरू पार्क परिसर, लाडनूं को अतिक्रमण से मुक्त करावें। आवंटित भूमि खसरा नं. 497 सरहद लाडनूं को जिला कलेक्टर नागौर द्वारा पत्र क्रं. राजस्व राजस्व/86/903 दिनांक- 03-03-1986 द्वारा 30 वर्षों की लीज पर निशुल्क आवंटित किया गया था, परन्तु इसमें लीज शर्तों व नियमों का उल्लंघन किया गया है। यहां निर्मित भवनों के लिए स्थानीय निकायों से निर्माण सम्बंधी आवश्यक स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई और न कृषि भूमि के रूपान्तरण की कार्यवाही ही की गई। सांखला ने इस सम्बंध में उपखण्ड अधिकारी कार्यालय से जारी पत्र क्रमांक- सीएम/रीडर/08/42 दिनांक- 03-10-2008, क्र. सीएम/रीडर/08/1623 दिनांक- 04-11-2008, क्र. राज्यपाल सचिवालय/08/1781 व 1782 दिनांक- 16-10-2008 के सम्बंध में कार्यवाही नहीं की जाना बताते हुए तुरन्त कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने तहसीलदार कार्यालय से जारी पत्रांक- भू.अ./2011/11/768 दिनांक- 07-04-2011 मेंसंलग्र की गई अतिक्रमियों की सूची के अनुसार अतिक्रमणों को हटाने व समस्त अनधिकृत रूप से बने मकानों को सरकारी तहबील में लेने की मांग भी की है।
इस सम्बंध में अनावश्यक विलम्ब करने, सभा-संस्थाओं के प्रभाव में आकर कत्र्तव्यनिष्ठा में विफल रहने, अपूर्ण सूचनाओं को अग्रेषित करने, रिकार्ड व पत्रावलियों को बिना देखे ही सूचनाएं भिजवाई जाने को गम्भीर व लापरवाही मानते हुए उच्चाधिकारियों व न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने की चेतावनी भी दी है।
सांखला ने मांग की है कि नेहरू पार्क परिसर, लाडनूं को अतिक्रमण से मुक्त करावें। आवंटित भूमि खसरा नं. 497 सरहद लाडनूं को जिला कलेक्टर नागौर द्वारा पत्र क्रं. राजस्व राजस्व/86/903 दिनांक- 03-03-1986 द्वारा 30 वर्षों की लीज पर निशुल्क आवंटित किया गया था, परन्तु इसमें लीज शर्तों व नियमों का उल्लंघन किया गया है। यहां निर्मित भवनों के लिए स्थानीय निकायों से निर्माण सम्बंधी आवश्यक स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई और न कृषि भूमि के रूपान्तरण की कार्यवाही ही की गई। सांखला ने इस सम्बंध में उपखण्ड अधिकारी कार्यालय से जारी पत्र क्रमांक- सीएम/रीडर/08/42 दिनांक- 03-10-2008, क्र. सीएम/रीडर/08/1623 दिनांक- 04-11-2008, क्र. राज्यपाल सचिवालय/08/1781 व 1782 दिनांक- 16-10-2008 के सम्बंध में कार्यवाही नहीं की जाना बताते हुए तुरन्त कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने तहसीलदार कार्यालय से जारी पत्रांक- भू.अ./2011/11/768 दिनांक- 07-04-2011 मेंसंलग्र की गई अतिक्रमियों की सूची के अनुसार अतिक्रमणों को हटाने व समस्त अनधिकृत रूप से बने मकानों को सरकारी तहबील में लेने की मांग भी की है।
इस सम्बंध में अनावश्यक विलम्ब करने, सभा-संस्थाओं के प्रभाव में आकर कत्र्तव्यनिष्ठा में विफल रहने, अपूर्ण सूचनाओं को अग्रेषित करने, रिकार्ड व पत्रावलियों को बिना देखे ही सूचनाएं भिजवाई जाने को गम्भीर व लापरवाही मानते हुए उच्चाधिकारियों व न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने की चेतावनी भी दी है।
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