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बुधवार, 11 मई 2011

भारत रत्न का खुला अपमान क्यों?

भारतवर्ष क्रिकेट प्रतियोगिता में विजयी हुआ। यह विजय बहुत संघर्ष के बाद प्राप्त हुई। कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी, विराट कोहली, गौतम गम्भीर और युवराज सिंह विशेष बधाई के पात्र हैं।
यदि हम क्रिकेट के कथित भगवान के भरोसे रहते तो कभी नहीं जीत सकते थे। इस विश्व कप प्रतियोगिता में क्रिकेट के भगवान की भूमिका कुछ अच्छी नहीं रही। वह एक शतक भी नहीं बना सके। वस्तुत: जब से मीडिया ने श्रीमान को क्रिकेट का भगवान कहना शुरू कर दिया है, तब से उनकी क्रिकेट में गिरावट आई है। भगवान शब्द बहुत गम्भीर और गूढ अर्थों वाला है। यह धरती के किसी जीवित प्राणी के लिए प्रयोग करना उचित नहीं है। भारत की जनता में यह अक्सर देखा गया है कि वह किसी को भी भगवान कहने लगती है। और यहां तरह-तरह के उपनाम भी दे दिए जाते हैं, जैसे- फिल्मों में बिग-बी, मिस्टर परफैक्ट आदि तथा क्रिकेट में- मास्टर ब्लास्टर तथा मिस्टर भरोसेमंद आदि। ऐसे उपनाम उस व्यक्ति को भ्रमित कर देते हैं, जिसको इनसे पुकारा जाता है। हम व्यक्ति को व्यक्ति ही रहने दें तो अच्छा है। उसे भगवान जैसे विशेषणों से सुशोभित न करें। मीडिया के ही कुछ लोगों ने इस कथित भगवान के लिए भारत रत्न देने की मांग उठाई। भारत रत्न जैसी उपाधि उन व्यक्तियों को दी जाती है, जिन्होंने देश पर अपना तन-मन-धन बलिदान कर दिया। भारत रत्न की उपाधि के वह लोग कदापि अधिकारी नहीं है, जो एक खेल में एक करोड़ रूपये प्राप्त करते हैं। जो देश में करोड़ों रूपये हर साल कमा रहे हैं, उनको भारत रत्न की उपाधि देना कत्तई अनुचित है। और उनकी यह कमाई देश के राजकोष की वृद्धि नहीं करती, वह उद्योगपति भी नहीं है कि वे बेरोजगारों को रोजगार दे सके। वह व्यक्तिगत स्वार्थ में खेलते हैं और धन कमाते हैं। अत: उनके खेल का प्रतिफल उनको प्राप्त हो जाता है। ऐसे व्यक्तियों के लिए भारत रत्न की मांग उठाना भारत रत्न जैसी उपाधि का नहीं बल्कि उन सभी का अपमान है, जिन्हें यह उपाधि उनके बलिदान के कारण दी गई।
अत: हमें ऐसी उपाधियां दिए जाने की मांग करने से पहले सोचना चाहिए। और, वर्तमान में मेरी सलाह है कि क्रिकेट के भगवान अब क्रिकेट से अन्तध्र्यान हो जाएं। क्रिकेट के सम्बंध में वर्तमान परिस्थ्िितयां परिवर्तित हुई हैं। पहले यह खेल के रूप में खेला जाता था, अब यह युद्ध के रूप में खेला जाता है। इसीलिए हेलमेट, मुखौटा आदि पहनने पड़ते हैं।- Hitesh kumar Sharma, Bijnour