Popular Posts

गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

भूमि विकास बैंक में नाबार्ड अधिकारियों के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव का प्रयास गरमाए माहौल में बैंक सचिव अड़ा

भूमि विकास बैंक में नाबार्ड अधिकारियों के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव का प्रयास
गरमाए माहौल में बैंक सचिव अड़ा
नागौर। नागौर सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड की आयोजित वार्षिक सभा में नाबार्ड के अघिकारियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने के मसले पर माहौल गरमा गया। सदस्यों ने निंदा प्रस्ताव पारित करने पर जोर दिया, जबकि बैंक सचिव ने इससे इनकार कर दिया।
बेनिवान व सुरेन्द्रसिंह में तकरार
इस पर कुछ देर तक बहस होती रही। वार्षिक अघिवेशन मे नाबार्ड के अघिकारी के नहीं आने पर सदस्यों ने रोष जताया। सदस्य नारायण बेनीवाल ने कहा कि नाबार्ड के अघिकारी सभा में नहीं आए हैं। उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया जाए।
इस पर बैंक सचिव सुरेंद्रसिंह ने कहा कि नाबार्ड अघिकारी से उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा हैं। वे साधारण सभा के सदस्य भी नहीं हैं। ऐसे में उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करना उचित नहीं है। इस पर बेनीवाल एवं सचिव के बीच कुछ देर बहस भी हुई। बेनीवाल निंदा प्रस्ताव पर अड़ गए। मगर सचिव ने साफ कह दिया कि नाबार्ड अघिकारी साधारण सभा के सदस्य नहीं हैं, उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित नहीं किया जा सकता। इस दौरान सदस्य रामकरण कमेडिया ने कहा कि आम सभा में नाबार्ड अघिकारी नहीं आते तो हम समझते हैं उनका सहयोग भी नहीं मिल रहा होगा।
सदावत ने किया सहयोग का आग्रह
बैठक में बैंक के अध्यक्ष नंदकिशोर सदावत ने सदस्यों से सहयोग का आग्रह किया। उन्होने कहा कि सदस्य न केवल अपनी मांग राशि समय पर जमा करवाएं, बल्कि अपने क्षेत्र के समस्त ऋणी सदस्यों को भी मांग राशि समय पर जमा कराने के लिए प्रेरित करें। सदस्य बैंक की विभिन्न योजनाओं से भी किसानों को अवगत कराएं। बैंक के सचिव सुरेंद्रसिंह ने कहा कि कहीं से भी कोई ऋण में गड़बड़ी संबंधी शिकायत नहीं मिली है।
ऋणों की राशि बढाई
सदस्य नारायण बेनीवाल ने भैंस के लिए ऋण की राशि 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार करने का प्रस्ताव रखा। सदन ने इसे सर्वसम्मति से पारित कर प्रस्ताव को नाबार्ड एवं एपेक्स बैंक को भेजने का निर्णय किया। सदस्यों ने किसान क्रेडिट कार्ड ऋण दो करोड़ से बढ़ा कर 10 करोड़ तक करने का भी प्रस्ताव रखा।
उपलब्घियों का बखान
सभा में अध्यक्ष सदावत ने बैंक की उपलब्घियां बताई। उन्होंने बताया कि बैंक ने वर्ष 2009-10 के ऋण वितरण के 1000 लाख रूपए के लक्ष्य के विरूद्ध 853.25 लाख का ऋण वितरण किया गया। चालू वर्ष में फसली ऋण योजना को बैंक में अंगीकार करते हुए 21.15 लाख का अल्पकालीन फसली ऋण वितरण किया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं: