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बुधवार, 16 जून 2010

लाडनूं का हक केलवा ने कोसा

सरदार शहर (कलम कला न्यूज)। तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें आचार्य श्री महाश्रमण ने सन् 2011 का अपना चातुर्मास कालीन प्रवास केलवा में करने की घोषणा की है। पूर्व में आचार्य महाप्रज्ञ ने अपने जीवन काल में 2011 का चातुर्मास लाडनूं में जैन विश्व भारती में करने की घोषणा की थी। साध्वी प्रमुखा श्री कनकप्रभा ने लाडनूं के चातुर्मास को तत्समय आचार्य तुलसी के जन्म शताब्दी समारोह एवं अन्य महत्वपूर्ण कारणों से इसका औचित्य ठहराया था। मगर अब उन्होंने केलवा को अपनी दीक्षाभूमि होने एवं तेरापंथ की आदि भूमि बताते हुए इसका हकदार बता दिया।
मर्यादा महोत्सव भी मेवाड़ को: आचार्य महाप्रज्ञ के लाडनूं को केन्द्र बनाकर घुरी की तरह ईर्दगिर्द ही आयोजन करके लाडनूं को एक विश्व स्तरीय जैन धर्म का केन्द्र बनाने की भावनाओं को व्यक्त किए अधिक समय नहीं हुआ कि उनके फैसलों को बदलना शुरू दिया गया है। आचार्यश्री महाश्रमण ने आगामी साल के अपने चातुर्मास के अलावा आगामी 2012 का मर्यादा महोत्सव आयोजन के लिए भी मेवाड़ क्षेत्र के आमेट में किए जाने की घोषणा कर दी।
यह आयोजन पूर्व में आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा गंगाशहर में किया जाना तय किया गया था। महाश्रमण ने इसे द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव की अनुकूलता के कारण बदल कर राजसमंद के आमेट में करने की घोषणा की है।
बदले जा रहे हैं महाप्रज्ञ के फैसले

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